22 ओ लुगायाओ! जस्यान थे परबु को खियो मानो छो बियान् खुदका धणी को खियो मानो।
लुगाया न्अ बस्वास्या की टोळी मं छानी रेणो चायजे। क्युं क वान्अ बोलबा की छूट कोन्अ, जस्यान मूसा का निमा मं बताव्अ छ क वे आपका मोट्यारां क अधीन छ।
ओ लुगायाओ! जस्यान थे परबु को खियो मानो छो बियान् खुदका धणी को खियो मानो।
ओ हाळीओ, जस्यान थे मसी की आज्ञा मानो छो वस्यानई थे संसार का मालिका की आज्ञा डरपता अर कांपता होया जीजान सुं मानो।
क्युं क थे मसी की लारा आत्मा मं पाछा जीवता कर्या गिया छो। ई बजेसुं परमेसर का राज की चीजान्अ हेरल्यो, जड़े परमेसर की जीवणी-बगल मं मसी बेठ्यो छ।
ओ लुगायाओ, खुदका घरहाळा का खिया मं रेवो। जस्यान परबु का लोगा बेई चोखो लाग्अ छ।
जिसुं वे संयमी, पवितर, अपणा-अपणा घरा की सम्भाळ करबाळी, दीयालु अर खुदका घरका धणी की आज्ञा मानबाळी बण्अ। जिसुं परमेसर का बचन की बराई कोन्अ होव्अ।