ओ भायाओ परमेसर थान्अ आजाद रेबा बेई थरप्यो छ। पण उं आजादी न्अ काया की मन्सा पूरी करबाळो साधन मत बणबा द्यो, पण परेम की बजेसुं आमा-सामा एक-दूसरा की सेवा करो।
थांका धार्मिक मुखिया प भरोसो रांखो अर बांका बसम्अ रेवो। वे परमेसर क साम्अ थांको लेखो देबाळा की जस्यान वे जागता होया थांका जीव की रुखाळी करअ छ। अर ज्यो थे वस्यान ई रेवो तो वे यो काम राजी सुं करअला, पण थे वस्यान कोन रेवो तो वे यो काम दुख सुं करअला। अर इसुं थान्अ कोई नफो कोन्अ होव्अलो।
अस्यान ही ह छोरा-छापराओ, थे बी टोळी का मुखिया का खिया मं रेवो, पण थे सब एक-दूसरा की सेवा क ताणी नरमाई सुं त्यार रेवो, क्युं क परमेसर घमण्डया को बिरोध करअ छ, पण सिधा मनखा माळ्अ दीया करअ छ।