13 उजाळा सुं सबळा काम परगट होर चोड़ा मं आजाव्अ छ।
जिसुं एकधम सई बगत आबासुं पेली कसी बी बात को न्याऊ मत करो। मतबल परबु क आबासुं पेली आखरी न्याऊ कोन्अ होव्अ, वोई अन्धेरा मं लुखेड़ी बाता न्अ उजाळा मं ल्याव्अलो अर मन का भेद खोल्अलो। उं बगत परमेसर की ओड़ी सुं हरेक की बड़ाई होव्अली।
क्युं क अस्यान का काम ज्यांन्अ ब छान्अ सुं करअ छ, बांकी बतळ्यावण बी लाज की बात छ।
परमेसर कोई बी सरगदूत न्अ कद्या बी कोन्अ खियो क, “म्हारी जीवणी-बगल मं बेठ जद्या ताणी क म थारा बेरया न्अ थारा पगा तळ्अ कोन्अ करद्यूं।”