26 रोषा मं आर पाप मत करो। दन आथबा सुं पेलीई थांका रोष न्अ खतम करद्यो।
पण म थासुं खेऊ छु क ज्यो कोई बी खुदका भाई क उपरअ रोष करअलो, वो अदालत मं सज्या पाबा जस्यो होव्अलो, अर ज्योबी खुदका भाई न्अ नकाम खेवलो वो महासभा मं सज्या पाबा जस्यो होव्अलो, अर ज्यो खेव्अ, ‘अरअ मुरख’ वो नरक की आग मं पटकबा जस्यो होव्अलो।
जद्या ईसु या देख्यो तो उन्अ घणु रोष आयो। फेर वो चेला न्अ खियो, “बाळका न्अ मारअ कन्अ आबाद्यो। वान्अ रोको मतो क्युं क परमेसर को राज अस्या बाळका को ई छ।
फेर ईसु झळार च्यारूमेर देख्यो अर वांका मन की कळ्डाई सुं उंक्अ घणो कळेस होयो। फेर वो उं डुंड्या मनख न्अ खियो, “थारा हाथ न्अ आग्अ कर।” वो हाथ न्अ आग्अ कर्यो, अर उंको हाथ चोखो होग्यो।
हे म्हारा प्यारा भायाओ, थे ई बात न्अ जाणल्यो क हरेक मनख सुणबा मं उतावळी करअ अर बोलबा मं थरचा राख्अ अर रोष न्अ काबु मं करबाळो होव्अ,
क्युं क मनखा को रोष परमेसर की धार्मिकता न्अ कोन ल्या सक्अ।