उण्डअ घणो हल्लो माचग्यो। फरीस्या का टोळा मंसुं एकात धरम सखाबाळा उठ्या अर जोरसुं बेस करता होया खेबा लाग्या, “ई मनख मं मे कोई खोट कोन्अ पाया। अर ज्यो कोई आत्मा या कोई सरगदूत इसुं बाता कर्यो छ तो इम्अ कांई छ?”
परमेसर की महमा होव्अ। ईसु मसी का संदेस का चोखा समचार को ज्यो उपदेस म थान्अ देऊ छु उंकी जस्यान अर परमेसर का भेद को सांच ज्यो जुगाजुगा सुं लुख मेल्यो छो जिन्अ वो परगट कर्यो छ वो थान्अ गाढ़ा बणाबा मं समर्थ छ।
बीकी लार म्हाक्अ बेई बी परातना करो, क परमेसर म्हान्अ मसी सुं जुड़या राज का बारा मं बताबाळा बीका संदेस न्अ परचार करबा को मोको देव्अ, परचार करबा की बजे सुंई म जैळ मं छु।
म थान्अ यो छोटोसोक कागद माण्ढर, सिलवानुस का हाथ सुं जीन्अ म बस्वासहाळो भाई समझु छु, छोटा रूप मं माण्ढर थान्अ समझायो छु, अर या गुवाई दियो छु क परमेसर की सांची दीया याई छ, इम्अ बण्यारेवो।