14 ई बजेसुं म परम-पिता क आग्अ गोढ़ावाण्या बेठर परातना करू छु।
फेर वो बासुं अतरो आंतरअ चलग्यो जतरो आंतरअ एक भाटा न्अ फाक सक्अ छ। फेर वो गोढावाण्या हेर परातना करबा लागग्यो,
या खेर वो गोढ़ा टेक्यो अर बा सबळा की लेरअ परातना कर्यो।
फेर उण्डअ रुकबा को म्हाको बगत पूरो कर मे बद्या होया अर आग्अ की यात्रा प नखळग्या। खुदका छोरा-छोरी अर बेरबान्या समेत वे सबळा नगर क बाण्अ ताणी म्हाकी लार आया। फेर उण्डअ सागर की तीर प मे घढोळ्या होर परातना कर्या।
फेर वो गोढावाण्या पड़ग्यो अर जोरसुं बळायो, “परबु ई पाप न्अ यांका बिरोध मं मत लिज्यो।” अस्यान खेर वो सदा की नीन्द मं सोग्यो।
पतरस बा सबळा न्अ बारे खन्दा दियो अर गड़ोळया होर परातना कर्यो फेर ल्यास ओड़ी मुड़र खियो, “तबीता! उबी होजा!” अर बा आंख्या खोल दी अर पतरस ओड़ी नाळती उठ'र बेठगी।
आपणा परबु ईसु मसी का बाप, परमेसर की महमा हो। क्युं क वो आपान्अ मसी सुं सरग मं सबळा भांत-भांत का आत्मिक आसीर्वाद दियो छ।
बी सुंई सरग अर धरती का सबळा परिवारा न्अ गोत मल्अ छ।
जिसुं सरग मं, धरती माळ्अ, अर पताळ मं रेबाळा सबळा ईसु का नांऊ को आदरमान करबा गोढ़ा टेक्अ।