पौलुस जुवाब दियो, “थोड़ी बगत मं, छाव्अ साऊटी बगत मं, परमेसर सुं म्हारी अरदास छ क तूई नही वे सबळा ज्यो आज म्हारी सुणर्या छ, वस्यान काई हो जाव्अ जस्यान को म छु, या साकळ्या क अलावा।”
वेई मसी का दास छ कांई? म तो बावळ्या की जस्यान खेऊ छु क म वासुं बी बढ़र मसी को दास छु! म वासुं साउटी मेनत कर्यो छु, केई बार केद म गियो छु, घणीबेर सोट्टा खायो छु अर बार-बार मोत को सामनो कर्यो छु।
अर भायाओ, आज बी एकात मनख म्हारअ उपरअ लांछण लगारया छ क म खतना को परचार करू छु तो मन्अ हालताणी बी क्युं सतारया छ? अर ज्यो म हालताणी बी खतना को परचार करू छु तो मसी का करूस की बजेसुं पदा होई म्हारी सबळी रुकावटा खतम हे जाणी चायजे।
थां सबळा का बारा मं म्हारो अस्यानको बच्यार सई छ क्युं क थे सबळा म्हारा मन मं बस मेल्या छो। अर जद म सांकळा सुं बन्धेड़ो छु या फेर चोखा समचार न्अ साबित अर पक्को करबा मं लागर्यो छु, थे म्हारी लार परमेसर की दियेड़ी सेवा मं सीरी छो।
बीकी लार म्हाक्अ बेई बी परातना करो, क परमेसर म्हान्अ मसी सुं जुड़या राज का बारा मं बताबाळा बीका संदेस न्अ परचार करबा को मोको देव्अ, परचार करबा की बजे सुंई म जैळ मं छु।