2 थे पेलीई संसार का बरा निमा प चाल्अ छा मतबल आम्बर मं राज करबाळा सेतान का खिया मं चाल्अ छा। अर अब बाई आत्मा बा मनखा मं काम कर'री छ ज्यो परमेसर को खियो कोन्अ मानर्या।
फेर मनख को छोरो आयो। ज्यो दूसरा की न्याई ही खाव्अ-पिव्अ छ, पण लोग खेव्अ छ, ‘ई मनख न्अ देखो, यो पेटु छ, पियक्कड़ छ। यो चुंगी लेबाळा अर पाप्या को भायलो छ।’ पण परमेसर का ज्ञान प चालबाळा का करमा सुं परमेसर को ज्ञान साबित होव्अ छ।”
झाड़ा मं पड़या बीजा को मतबल छ वो मनख ज्यो चोखा समचार न्अ सुण्अ तो छ पण ई संसार की चन्ता अर माया-पुंजी को लोभ चोखा समचार न्अ दबा देव्अ छ अर वो फळ्अ कोन्अ।
अर ज्यो थे संसार का होता तो संसार थासुं हेत रांखतो। क्युं क थे ई संसार का कोन्अ ई बजेसुं क म थान्अ संसार मं सुं चुण्यो छो, अर जिसुं यो संसार थासुं बेर रांख्अ छ।
थे थांका बाप सेतान की ओलाद छो। अर थे थांका बाप की मनसा प चालो छो। वो सरूवात सुंई हत्यारो छो अर वो सांच को पक्ष कद्या बी कोन्अ लियो। क्युं क बीक्अ मायन्अ चनसीक बी सांच कोन्अ। जद वो झूंट बोल्अ छ तो आराम सुं बोल्अ छ। क्युं क वो झूंटो छ अर सबळा झूंटा को बाप छ।
फेर आखरी मं नगर को सचिव जळा न्अ छाना कर खियो, “ह इफिसुस का मनखवो कांई संसार मं कोई अस्यानको मनख छ ज्यो या कोन्अ जाण्अ क इफिसुस नगर महान देवी अरतिमिस का मन्दर अर आम्बर मंसुं पड़ी उंकी मूर्ति को रुखाळो छ?
अब आग्अ सुंई दनीया की रीति प्अ मत चालो पण खुदका मना न्अ नया कर खुदन्अ बदलल्यो जिसुं थे परमेसर की मन्सा न्अ परखर जाण सको। मतबल ज्यो चोखो छ, ज्यो उन्अ भाव्अ छ अर पूरो छ।
अर म्हारा खेबा को यो मतबल कोन्अ क थे ई दनीया का कुकर्म करबाळा सुं, लालच्या सुं, ठगा सुं, मूर्ति पुजबाळा सुं, कोई नातो मत रांखज्यो पण ज्यो थे अस्यान कर्या तो थान्अ ई दनीया सुंई न्यारो रेणो पड़अलो
थाम्अ सुं बी एकात मनख अस्यान कांई छा। पण अब थान्अ धोर पवितर कर दिया। थान्अ परमेसर की सेवा मं सुंप दिया। परबु ईसु मसी का नांऊ अर आपणा परमेसर का आत्मा सुं वान्अ धरमी करार दे चुक्या।
अर ई जगत मं राज करबाळो सेतान वां मनखा की बुद्धि न्अ ज्यो बस्वास कोन करअ बांध मेल्यो छ। जिसुं वे मसी ज्यो परमेसर को रूप छ उंकी महमा सुं भर्या उजाळा का चोखा समचार न्अ कोन समझ्अ।
एक बगत आपा सबळा बी बांकी जस्यान काया की सुगली मंसा न्अ पूरी करअ छा। मन अर काया की मनसा न्अ पूरी करअ छा, अर संसार का दूसरा मनखा जस्यान परमेसर का रोषा का काम का छा।
ज्यो मनख पाप करतो रेव्अ छ वो सेतान को छ, क्युं क सेतान सरूवात सुंई पाप करतो आयो छ। जिसुंई तो परमेसर को छोरो परगट होयो छ क वो सेतान का काम न्अ नास करदे।
वो बड़ो अजगर धरती माळ्अ पटक दियो गियो। यो बोई पराणो सांप छ ज्यो रागस अर सेतान खुवाव्अ छ। यो सबळा संसार न्अ भरमाव्अ छ। अर बीन्अ बीका दूता की लार नीच्अ धरती माळ्अ पटक दिया।