खुदकी अर पवितर-आत्मा सुं थांका हाथा म सुंपी लळ्डया की रुखाळी करता रेवो। अर परमेसर की बी बस्वास्या की टोळी का गुवाळ बण जावो जिन्अ वो खुदका छोरा का लोई सुं मोल लियो छ।
म्हारी परमेसर सुं अरदास छ क थांका मन की आंख्या खुल जाव्अ जिसुं थे जाण सको क जी आस ताणी थान्अ वो बलायो छ अर जी पांती न्अ वो खुदका सबळा पवितर मनखा न्अ देव्अलो, बा कतरी महान अर अनमोल छ।
खुदका पापा अर खुदका बना खतना की काया की बजेसुं थे मर मेल्या छा पण थान्अ परमेसर मसी की लारा जन्दगी देदियो अर आपणा सबळा पापा न्अ खुला मन सुं छमा कर दियो।