अर अब म्हारो परम बाप मंसुं ज्यो प्रतिज्ञा कर्यो छ, बीन्अ म थांक्अ बेई खन्दाऊलो। पण थान्अ ई नगर मं बी बगत ताणी रुकणी छ, जद्या ताणी थे सरग की सक्ती कोन्अ भरजावो।”
“पण जद वो सायता करबाळो ज्यो सांच की आत्मा छ अर परमेसर की ओड़ी सुं आव्अ छ थां कन्अ आवलो, जीन्अ म परमेसर बाप की ओड़ी सुं थां कन्अ खन्दाऊलो, तो वो म्हारी गुवाई देव्अलो।
वा रोठ्या बेई मेनत मत करो ज्यो बूस जाव्अ छ, पण वां बेई मेनत करो ज्यो सदामेस की जन्दगी देव्अ छ, वा सदामेस की जन्दगी देबाळी रोटी थान्अ मनख को छोरो देव्अलो, क्युं क परम बाप परमेसर उन्अ यो अधिकार दियो छ।”
अर फेर एक नसाण की जस्यान वो खतनो मान्यो। ज्यो उं बस्वास की धार्मिकता प छाप हो जाव्अ। ज्यो वो उं बगत दखायो छो जद्या उंको खतनो कोन होयो छो। जिसुं वो वां सबळा को बाप छ ज्यो बना खतना का छ पण बस्वासी छ। जिसुं वे बी धरमी मान्या जाव्अला।
अर जिसुं म्हे लगतमार परमेसर को धन्यवाद करां छा क्युं क थे जद्या म्हासुं परमेसर को बचन सुण्या छा तो म्हे उन्अ मनखा को संदेस मानबा की बेई परमेसर को संदेस मान्या छा, वस्यानई वो सांचो छ, अर थां बस्वास करबाळा मं परमेसर काम बी करर्यो छ।
खुदन्अ परमेसर क ग्रहण करबा जस्यान को बणार एक अस्यान का सेवा करबाळा की न्याऊ साम्अ ल्याबा की जोरी करतो रे, क कोई बात बेई सरमाबा की जुरत कोन होव्अ। अर ज्यो परमेसर का सांचा बचन न्अ चोखा काम मं लेतो होव्अ,