3 ज्दया मे थांक्अ बेई परातना करां छा, तो सदाई आपणा परबु ईसु मसी का पिता परमेसर को धन्यवाद करां छा।
जिसुं क थे सबळा एक मन होर एक आवाज मं आपणा परबु ईसु मसी का पिता परमेसर न्अ महमा देता रेवो।
थान्अ परबु मसी ईसु मं ज्यो दीया मली छ उं बेई म थांकी ओड़ी सुं सदाई परमेसर को धन्यवाद करतो रेऊ छु।
आपणा परबु ईसु मसी को बाप, दीया करबाळो अर आराम देबाळो परमेसर धनै छ।
ई बजेसुं ज्दया सुं म परबु ईसु मसी मं थांको बस्वास अर परमेसर का सबळा पवितर मनखा क ताणी थांका परेम का बारा मं सुण्यो छु,
पवितर-आत्मा सुं सदाई हर तरा सुं परातना अर अरदास करबा ताणी जागता रेवो। सबळा परमेसर का पवितर मनखा ताणी लगतमार परातना करता रेवो।
कोई बी बात की चंता मत करो, पण सबळी परातना अर बिनती धन्यवाद की लार परमेसर सुं करता जाओ।
परमेसर आपान्अ सेतान की सक्ती सुं छुड़ार खुदका लाड़ला पुत का राज मं लेर आग्यो।
जी दन सुं म्हे थांका बारा मं सुण्या छा बी दन सुं थांक्अ बेई परातना करबो कोन्अ छोड़या। म्हाकी परातना या छ क परमेसर बीकी मनसा का ज्ञान सुं पुरा आत्मिक ज्ञान अर समझ की लार थान्अ भर देव्अ।
म्हे थां सबळा बेई सदाई परमेसर न्अ धन्यवाद देता अर थान्अ परातना मं याद करता रेवां छा।
रयात दन खुदकी परातना मं थान्अ याद करता होया मं उं परमेसर को धन्यवाद करू छु अर उंकी सेवा आपणा आग्ला बढ़ा की न्याऊ पवितर मन सुं करू छु।