2 वो जुवाब दियो, “भाई-बन्ध अर बढ़ा-बुढ़ाओ! म्हारी बात सुणो। हारान मं रेबा सुं पेली आपणा बाप-दादा अबराम मेसोपोटामिया मं छो, जद्या महमाळो परमेसर वाक्अ साम्अ प्रगट होयो”
म्हान्अ पाप की परक्ष्या मं मत पड़बाद्अ, पण बराई सुं बचा। क्युं क राज, सामर्थ अर महमा सदा थारी छ। आमीन!”
“सरग म परमेसर की जै हो अर धरती प वा मनखा न्अ सांति मल्अ ज्यांसुं वो राजी छ।”
अर बचन काया को रूप लियो अर दीया अर सच्चाई सुं भर्यो पूरो होर आपण्अ गाब्अ रियो अर आपा उंकी असी महमा देख्या जस्यान बाप का ऐकला छोरा की महमा।
यसायाह ये बाता ई बजेसुं बोल्यो छो, क्युं क वो ईसु की महमा देख्यो छो अर वो बीका बारा मं बाता कर्यो छो।
पौलुस खियो, “ह भाईवो अर बढ़ा-बुढ़ाओ! म्हारा बचाऊ मं अब ज्यो मन्अ खेणी छ, बीन्अ सुणो।”
बीक्अ अस्यान खेताई फरीस्या मं अर सदूक्या मं एक झगड़ो होग्यो अर सभा का बीच मं फूट पड़गी।
फेर महायाजक स्तिफनुस न्अ बुज्यो, “ये बांता सांची छ कांई?”
अर ई जुग को कस्यो बी राज करबाळो ईन्अ कोन समझ्यो क्युं क वे उन्अ समझता तो वे उं महमा का धणी परबु न्अ सुळी प कोन चढ़ाता।
म परातना करू छु क महमा का धणी परम-पिता मतबल आपणा परबु ईसु मसी को परमेसर थान्अ अकल अर खुलासो करबाळी आत्मा देव्अलो, जिसुं थे बिन्अ जाण सको।
आज का ई संसार मं उं धनै दन की बाठनाळता रेंवा जद्या आपणा परम परमेसर अर उद्धार करबाळा ईसु मसी की महमा प्रगट होव्अली।
वो छोरो परमेसर की महमा को उजाळो अर बीकाई सुभाव को छ। अर सबळी चीजान्अ खुदका जोरका बचन सुं संभाळ मेल्यो छ। वो पापा न्अ माफ करर सरग मं सर्वसक्तिमान की जीवणी ओड़ी जा बेठ्यो।
बस्वास सुंई अबराम जद बलायो गियो तो खियो मानर असी ठार मं चलग्यो जीन्अ परमेसर बीन्अ देबा को वादो कर्यो छो। अर या कोन्अ जाण्अ छो क कढ्अ जाव्अलो तोबी देस छोड़र नखळग्यो।
ह म्हारा भाई-बेणो, आपणा महमावान परबु ईसु मसी प थे बस्वास करो छो जिसुं थांका बीच मं भेदभाव कोन होणो चायजे।
“हे म्हाका परबु अर परमेसर! तूई महमा, आदरमान अर सक्ति क लायक छ, क्युं क तूई थारी मन्सा सुं सबळी चीजान्अ बणायो छ। वे थारी मन्सा सुंई छी, अर थारीई मन्सा सुं सबळी चीजा की रचना होई छ।”