उण्डअ रेबाळा जद्या बी सांप न्अ बीका हाथ क लटक्यो देख्या तो वे आमा-सामा खेबा लाग्या, “जरूर यो एक हत्यारो मनख छ। ज्यो सागर सुं तो बच नखळ्यो पण न्याऊ बीन्अ जीबा कोन्अ देर्यो।”
म घणी मेनत करर गाढो थाक'र जन्दगी जीयो छु। केई बार म सो बी कोन सक्यो। केई बार भूखो तसायो रियो छु। केई बार तो म आधो भूखा रियो। अर घणी बार तो स्याळा म बना लत्ता क धूजतो रियो।
नतिजो यो छ, अब ज्यो मसी मं यहूदी या फेर गेर यहूदी, खतना करेड़ा या फेर खतना कोन करेड़ा, जंगळी सुभाव का या फेर बना लखणाळा, दास या फेर आजाद मं कोई भेद कोन्अ रियो। वे सब मसी मं छ अर वोई सबळा बस्वास्या मं छ।