जद्या वे या सुण्या तो एक मन सुं एक चत होर जोरसुं परमेसर न्अ हाको पाड़र अरदास कर्या क, “ह मालिक! तु ई आम्बर, धरती, समून्दर अर उंक्अ मेईन्अ ज्योबी छ उन्अ बणायो छ।”
थे थांकी जन्दगी न्अ मसी का चोखा समचार की सीख की जस्यान जीओ। जिसुं म थांका बारा मं यो सुण सकुं क थे एक मन सुं अर एक मकसद सुं मजबूत होर चोखा समचार का बस्वास ताणी बाथेड़ो करर्या छो। चाये म थांक्अ सांकड्अ आंउ या कोन्अ आंउ।