9 अतरो खिया पाछ्अ वाक्अ देखता-देखता'ई उन्अ उपरअ सरग मं उठालिया अर एक बादळो उन्अ वांकी आंख्या सुं ओझळ कर दियो।
जद्या परबु ईसु चेला सुं अस्यान बतळा लियो तो उन्अ सरग म उठालिया। वो परमेसर की जीवणी-बगल म बेठग्यो।
अर जद्या वे मनख का छोरा न्अ खुदकी सक्ती अर महान महमा की लार बादळा मं आतो देख्अला।
अर ज्यो थे मनख का छोरा न्अ सरग मं उपरअ जातो देख्अ, जण्ढ्अ वो पेली छो, तो थे कांई करअला?
अर खिया, “ह गलील मं रेबाळा मनखवो थें अण्डअ उबा-उबा सरग ओड़ी क्युं नाळर्या छो योई ईसु, जिन्अ थांक्अ गाब्अ सुं सरग म उपरअ उठालिया, जस्यान थें ईन्अ सरग मं जातो देख्या छो वस्यान ई वो फेरू पाछो आवलो।”
वांक्अ पाछ्अ आपा ज्यो जीवता छा, अर हालताणी बी अण्डअ'ई छा वांकी लाराई बायरा म परबु सुं मलबा बेई बादळा म उपरअ उठालिया जाव्अला, अस्यान आपा हमेसा बेई परबु की लारा हो जाव्अला।
आपणा धरम मं सांच को राज महान छ इम्अ कोई बेम कोन्अ, वो मनख्याजुण मं परगट होयो, पवितर-आत्मा उन्अ साधी, सरगदूत उन्अ देख्या, वो घणा देसा मं जस पायो, संसार उंक्अ उपरअ बस्वास कर्यो, अर उन्अ महमा मं उपरअ सरग मं उठालिया।
देखो, ईसु मसी बादळा माळ्अ आर्यो छ! हरेक आंख्या बीन्अ देख्अली, अर ज्यो बीन्अ छेद्या छ वे बी देख्अला। अर धरती का सबळा लोगबाग बीकी बजेसुं रोव्अला। हां, अस्यान'ई होव्अ।
फेर वे दोनी गुवा जोरसुं एक आकासवाणी सुण्या क, “अण्डअ उपरअ आजावो।” अस्यान वे वांका बिरोध्या क देखता होया बादळा मं होर उपरअ चलग्या।
वे अस्यान का लोगबाग छा ज्यांको कोई लुगाई सुं रिस्तो कोन छो, क्युं क वे एकधम कुंवारा छा। जड़्अ उण्णेठो जाव्अ छो वे बीक्अ पाछ्अ चाल्अ छा। सबळा मनखा मं सुं बान्अ मोल लेर छुड़ा लिया छा। वे परमेसर अर उण्णेठा क ताणी रास का पेला फळ छा।