8 अब जीत को मुकुट म्हारी बाठनाळर्यो छ। उं दन सांचो न्याऊ करबाळो परबु मन्अ जीत को मुकुट फरावलो। मन्अ ई नही पण वां सबळा न्अ बी ज्यो परेम सुं उंका आबाकी बाठनाळरया छ।
या सृष्टी ही नही पण आपा बी ज्यांन्अ आत्मा को पहलो फळ मल्यो छ, मेईन्अ सुं कण्जर्या छ। क्युं क आपा बाठ नाळर्या छा क वो आपान्अ ओलाद की जस्यान अपणा लेव्अ अर आपणी काया आजाद हो जाव्अ।
यो उं आस की बजेसुं होयो छ ज्यो थांक्अ बेई परमेसर का राज मं सुरक्षित छ। अर जिका बारा मं थे पेल्याई सांचा बचन मतबल चोखा समचार सुं सुणमेल्या छो, ज्यो थां कन्अ आयो छो।
पण अब आपणा उद्धार करबाळा मसी ईसु क परगट होबा की लार-लार आपण्अ बेई चोड़्अ कर्यो गियो छ। वो मोत को अंत कर दियो अर जन्दगी अर सदामेस की जन्दगी न्अ चोखा समचार सुं उजाळा मं कर दियो छ।
अर याई बजे छ जिसुं म या बाता को दुख उठार्यो छु। अर फेरबी सरमाऊ कोन्अ क्युं क जिप्अ म बस्वास कर्यो छु म उन्अ जाणु छु अर म या मानु छु क वो मन्अ ज्यो सुंप्यो छ वो उंकी रुखाळी करबा मं समर्थ छ जद्या ताणी वो पाछो आबा को दन आव्अ।