कांई अस्यानको कोई परमेसर की ओड़ी सुं बोलबाळो छो, जिन्अ थांका आग्लाबड़ा धोखा सुं कोन्अ पकड़ाया? वे बा परमेसर की ओड़ी सुं बोलबाळा न्अ मार दिया ज्यो परमेसर का धर्मी दास बेई पेलीई अलान कर दिया छा। जिन्अ अब थे धोखा सुं पकड़र मार दिया।
क्युं क ये मनख आपणा परबु मसी की सेवा कोन करअ पण खुदका पेट की सेवा करअ छ। अर ये खुदकी मीठी-मीठी अर चापलुसी की बाता सुं भोळा-ढाळा मनखा का मन न्अ भरमाव्अ छ।
क्युं क थांकी टोळी मं एकात अस्यान का मनख आ घुस्या। ज्यां लोगबागा की सज्या बेई सास्तरा मं घणो पेलीसुंई परमेसर की ओड़ी सुं बोलबाळा खे दिया छा। ये लोगबाग बना परमेसर का छ ये लोगबाग परमेसर की दीया न्अ कुकर्म करबा बेई छूट मानलिया अर ये आपणा परबु अर मालिक ईसु मसी न्अ कोन्अ मान्अ।