भाया तीतुस! म ईसु मसी की ओड़ी सुं थरपेड़ो परमेसर को दास पौलुस थन्अ यो कागद माण्ढ़र्यो छु। म परमेसर का टाळेड़ा मनखा न्अ वांका बस्वास मं बड़ाबा बेई, अर सांच की सक्ष्या देबा बेई खन्दायो गियो छु, जिसुं वे भगती की जन्दगी मं जीव्अ।
म जुवाब दियो, “ह म्हारा परबु, म कोन जाणु, तूई जाण्अ।” ईप्अ वो मन्अ खियो, “ये वे लोगबाग छ ज्यो जोरका सताव मंसुं होर आया छ, वे खुदका लत्ता न्अ उण्णेठा का लोई सुं धोर पवितर कर्या छ।