ई बजेसुं जद्या म या बाता की ईछ्या कर्यो छु तो म उपरला मन सुं कर्यो छु कांई? म ई दनीया का मनखा की जस्यान छु कांई ज्यो एक बगत म हां-हां बी करअ अर ना-ना बी करअ?
वो ई बात न्अ साबित कर्यो छ क ईक्अ ताणी वो लायक छ। थे ई बात न्अ जाणो छो। वो सेवक की जस्यान चोखा समचार का परचार मं म्हारी लार बियान्'ई काम कर्यो छो जस्यान एक छोरो खुदका बाप की लार करअ छ।
अर ज्यो थे भाया न्अ ये बाता याद दुवाता रेवला तो मसी ईसु का चोखा सेवा करबाळा होवला ज्यांको पालण-पोषण, बस्वास सुं अर उं सांची सक्ष्या सुं होव्अ छ जिन्अ तु मानतो आर्यो छ।
तु जुवानी की बरी मन्सा सुं आंतरअ रे। ज्यो सुद्ध मन सुं परबु को नांऊ लेता रेव्अ छ, धार्मिक जन्दगी, बस्वास, परेम अर सांति बेई वां सबळा की लारा रेबा की जोरी करतो रे।
केई तरा की अण्जाण सक्ष्या सुं भरमाबा मं आर सांचा गेल्ला सुं मत भटकज्यो। क्युं क थांका मन क ताणी यो चोखो छ क खाबा-पीबा का निमा की बजाय दीया सुं मजबूत होव्अ। क्युं क खाबा-पीबा का निम मानबाळा न्अ बासुं कोई फायदो कोन्अ होयो।