हां एकात तो बळत अर बेर की बजेसुं मसी का बारा मं परचार करअ छ अर एकात चोखा मन अर परेम सुं या जाण'र करअ छ क म चोखा समचार न्अ साबित करबा ताणी सांकळ्या मं बन्धेड़ो छु।
पण आपा ईसु न्अ ज्यो सरगदूता सुं थोड़ोई कम कर्योग्यो छो, बीन्अ मोत की पीड़ा भोगबा की बजेसुं महमा अर आदर को मुकुट पेर्यो देखां छा। क परमेसर की दीया सुं हरेक मनख बेई मोत को सुवाद चाख्अ।