4 म्हारअ बेई तु ज्यो आंसु बुवायो छ वान्अ याद कर म तसुं मलर आण्द सुं भरबा बेई उत्यावळो होर्यो छु।
अस्यान'ई थान्अ बी अबार दुख हेर्यो छ पण म थासुं पाछो मलुला अर थे राजी होव्अला। अर थांकी खुसी कोई बी कोन्अ कोस पाव्अलो।
हालताणी थे म्हारा नांऊ सुं कांई बी कोन्अ मांग्या। मांगो तो थान्अ मल जाव्अलो, क थांकी खुसी पूरी हे जाव्अ।”
अर दीनता सुं आंसु बुवा-बुवार यहूद्या का षड्यन्त्रा की बजेसुं म्हारअ उपरअ आयी घणीसारी परक्ष्या मं बी म परबु की सेवा करतो रियो।”
जिसुं सावचेत रिज्यो। याद रखाणज्यो क म तीन बरस ताणी एक-एक न्अ रयात दन रोरोर सावचेत करबो कोन्अ छोड़यो छो।
मं घणी मन्सा रखाणु छु क्युं क म थासुं मलर थान्अ आत्मिक वरदान देबो चाऊ छु, जिसुं थे तागतहाळा बण सको।
परमेसर म्हारो गुवा छ क म मसी ईसु को परेम रांखर थां सबळा ताणी बाठनाळर्यो छु।
वो थासुं मलबा की गाडी बाठनाळर्यो छ। अर वो ई बात न्अ जाण'र ओर बी उदास होगो क थान्अ बीका बिमार होबा को पतो पड़ग्यो।
ह भायाओ, जण्ढ्अ ताणी म्हाकी बात छ, म्हे थोड़ी बगत बेई काया मं थासुं बछटग्या छा, पण म्हाका मन थांकी लाराई छा। थासुं मलबा बेई म्हे गाड़ा उतावळा होरया छा।
स्याळा सुं पेली आबाकी जोरी करज्यो। यूबुलुस, पूदेंस, लिनुस अर क्लौदिया अर सबळा मसी बस्वासी भाया को थन्अ नमस्कार पुच्अ।
जतरो बेगो हो सक्अ मंसुं मलबा आबाकी कोसिस करज्यो।
म्हे ये बाता थान्अ जिसुं माण्ढ़र्या छा क आपणो आण्द पूरो हो जाव्अ।
वो बांकी आंख्या का सबळा आंसु पुंछ देव्अलो। ईक्अ पाछ्अ मोत कोन्अ रेव्अली। दुख मनाबो, रोबो अर पीड़ा कोन होव्अली। पराणी बाता गायब होगी।”
क्युं क वो उण्णेठो ज्यो सिंहासन क बीच मं छो वो बाकी रुखाळी करअलो। वो बान्अ जन्दगी देबाळा पाणी का धोरा कन्अ लेजाव्अलो अर परमेसर बांकी आंख्या का हरेक आंसुवा न्अ पूच देव्अलो।”