“मं एक यहूदी मनख छु। किलिकिया का तरसुस नगर मं म्हारो जनम होयो छ अर म ई नगर मेई पळ-पुसर बड़ो होयो छु। गमलिएल धरम का गरू का पगा मं बेठर आपणा आग्ला बढ़ा की निमा की जस्यान म घणी कळ्डाई सुं म्हारी सिक्षा होई छ। परमेसर बेई म्हारो घणो जोस छ। जस्यान को थांको छ।
पण म थारअ साम्अ या मान लेऊ छु क म आपणा आग्लाबड़ा का परमेसर की आराधना जी रीत सुं करू छु बीन्अ ये गलत मानर्या छ। पण ज्यो बाता बेवस्था अर परमेसर की ओड़ी सुं बोलबाळा की पोथ्या म मण्ढरी छ बा सब मं म बी बस्वास करू छु।