पण ये बाता म थान्अ जिसुं खियो छु क जद बाकी हेबा की बगत आव्अ तो थे याद रांखो क म थान्अ पेलीई खेदियो छो।” “अर सरूवात सुं म थान्अ जिसुं कोन्अ खियो क्युं क म थांकी लार छो।
मन मं रोष, नसो, रंगरेळ्या अर अस्यान की ई ओर बाता बी म थान्अ बतायो छो। अब म थान्अ या बाता का बारा मं चतार्यो छु क ज्यो मनख अस्यान की बाता मं लार रेवला, वे परमेसर का राज को वारिस कोन होव्अला।