उं बगत मनख का छोरा का आबा का नसाण आम्बर मं दिख्अला। ज्दया धरती प सबळी जात्या का मनख रोव्अला अर वे मनख का छोरा न्अ सक्ती अर महमा की लार सरग सुं बादळा मं आतो देख्अला।
मनख का छोरा न्अ तो मरणीई छ जस्यान उंका बारा मं सास्तरा मं मण्ढरी छ। पण उं मनख बेई हाई जिकी बजेसुं मनख को छोरो पकड़ायो जावलो। उं मनख बेई कतरो चोखो होतो क वो पैदाई कोन्अ होतो।”
जद्या लोग खेर्या होव्अला क “सब कुछ सान्त अर सुरक्षित छ” जद्या जस्यान कोई दो जीवां बेरबानी क अण्याचुको दर्द चालबा लागजाव्अ छ वस्यान ई वा प बिनास उतर्यावलो अर वे कढी बचर बी कोन भाग सक्अला।
तो सोचल्यो वो कतरा भारी डण्ड क लायक ठेरायो जाव्अलो ज्यो परमेसर का छोरा न्अ पगा सुं छीत दियो। अर करार का लोई न्अ जिसुं वो पवितर ठेरायो गियो छ अपवितर जाण्यो छ। अर दीया की आत्मा को अपमान कर्यो छ।
पण जादू-टोणो करबाळा, व्यभिचारी, हत्यारा, मूर्ति पुजबाळा अर हरेक वो मनख ज्यो झूंट प्अ चाल्अ छ अर झूंटा सुं परेम करअ छ, वे हडक्या गण्डकड़ा की नाई बाण्अ'ई पड़्या रेव्अला।