अर वे परमेसर का ज्ञान न्अ रांखबो कीमती कोन जाण्या, जिसुं परमेसर वान्अ फालतु बच्यारा का हाथा सुंप दियो। अर ये अस्यान का काम करबा लागग्या ज्यो वान्अ कोन करणी चायजे छा।
पण अब परगट होर सदामेस का परमेसर की आज्ञा सुं परमेसर की ओड़ी सुं बोलबाळा की माण्ढी पोथ्या क जरिये सबळी जात्या न्अ बतायो गियो छ, क वे बस्वास सुं आज्ञा मानबाळा हो जाव्अ।
कांई थे कोन जाणो क जद्या थे कोई की बात मानबा बेई खुदन्अ दास की जस्यान उन्अ सुंप देव्अ छो तो थे जिकी आज्ञा मानो छो उंका दास छो। फेर छाव्अ थे पाप का दास बणो ज्यो थान्अ मार देलो अर छाव्अ आज्ञाकारीता का, ज्यो थान्अ धार्मिकता की ओड़ी लेर जाव्अली।
क्युं क बा बगत आगी, क पेली परमेसर का मनखा को न्याऊ होव्अ, अर जद न्याऊ आपसुं ही सुरू होव्अलो तो बांको अन्त कांई होव्अलो ज्यो परमेसर का चोखा समचार न्अ कोन मान्अ?