ज्यांसुं वो आपान्अ घणी मेंगी अर घणी बड़ी परतिज्ञा दियो छ, क जिसुं थे बी बराई सुं छूटर, ज्यो संसार की बरी लालसा सुं होव्अ छ, परमेसर का सुभाव का सीरी हो जावो।
पण बीम्अ कोई गन्दो मनख, बेसर्मी का काम करबाळो, अर झूंट बोलबाळो कोन बड़्अलो। खाली बेई बी नगर मं बड़्अला ज्यांको नांऊ जन्दगी की कताब मं मण्ढेड़ा होव्अलो।