थे बगत न्अ पेचाणर अस्यान'ई करो क्युं क अब थांकी नींद मं सुं जागबा की घड़ी आ पुंची। क्युं क जद्या आपा बस्वास कर्या छा उं बगत का स्याप सुं अब आपणो उद्धार सांकड्अ छ।
थे थांकी जन्दगी न्अ मसी का चोखा समचार की सीख की जस्यान जीओ। जिसुं म थांका बारा मं यो सुण सकुं क थे एक मन सुं अर एक मकसद सुं मजबूत होर चोखा समचार का बस्वास ताणी बाथेड़ो करर्या छो। चाये म थांक्अ सांकड्अ आंउ या कोन्अ आंउ।
गेरजात्या मं थांको चाल-चलण चोखो होव्अ, ज्यां बाता मं वे थान्अ खोटा काम करबाळा जाणर बदनाम करअ छ। वे थांका भला कामा न्अ देखर परमेसर का आबा का दन मं परमेसर की महमा करअ।
पण परबु का पाछा आबा को दन चोर की जस्यान आवलो। बी दन आम्बर जोरसुं गाजर जातो रेव्अलो, अर आम्बर का तारा पघळ जाव्अला, अर धरती अर बीक्अ माळ्अ का काम बळ जाव्अला।