ओ भायाओ परमेसर थान्अ आजाद रेबा बेई थरप्यो छ। पण उं आजादी न्अ काया की मन्सा पूरी करबाळो साधन मत बणबा द्यो, पण परेम की बजेसुं आमा-सामा एक-दूसरा की सेवा करो।
ज्यांसुं वो आपान्अ घणी मेंगी अर घणी बड़ी परतिज्ञा दियो छ, क जिसुं थे बी बराई सुं छूटर, ज्यो संसार की बरी लालसा सुं होव्अ छ, परमेसर का सुभाव का सीरी हो जावो।