17 ये धोखाबाज मनख सुखा कुओ-कोठ्यां अर आंधी सुं उड़ायड़ा बादळा जस्यानका छ, वाक्अ ताणी सदामेस को अंधेरो ठेरायो गियो छ।
जिसुं राजो खुदका नोकरा न्अ खियो, ‘ईका हाथ-पग बांधर बाण्अ अन्धेरा मं फाखद्यो। जण्ढ्अ मनख रोता अर दांत चाबता रेव्अ छ।’”
अर ई बनाकाम का नोकर न्अ बारअ अन्धेरा मं पटकद्यो जण्ढ्अ रोबो अर कचकच्या भिचबो होवलो।”
पण जी पीढ़ी न्अ राज मलणी चायजे उन्अ बारअ अन्धेरा मं बगा देव्अला, जण्ढ्अ वे मनख बारकुटो मचाव्अला अर दांत चाबब्अ करअला।”
जिसुं आपा बाळक की जस्यान कोन्अ रेवा, ज्यो ठग मनखा की ठगबद्या अर चतराई सुं, भरम की बाता अर छळ का उपदेस की आंधी सुं फेराया जाव्अ अर अण्डी-उण्डी भटकाया जाव्अ छ।
थे तो इजरायल्या की जस्यान अस्या डुंगर क सांकड्अ कोन्अ आया जीक्अ हाथ लगा सक्अ छा, ज्यो आग सुं बळर्यो छो, अर अंधेरा सुं भरेड़ो छो, अर काळा अन्धेरा अर बरबुळ्या सुं भर्यो छो।
क्युं क परमेसर बां सरगदूता न्अ ज्यो पाप कर्या छा कोन छोड्यो, पण पाताळ मं खन्दार आंधा कुवा मं पटक दियो। जिसुं न्याऊ का दन ताणी केदी रेव्अ।
म थान्अ या बी याद दुवाबो चाऊ छु क ज्यो दूत खुदका ओहदा न्अ कोन्अ सम्भाळ सक्या, पण परमेसर का घर न्अ छोड़र भागग्या। आग की भट्टी मं न्याऊ होबा बेई, वान्अ न्याऊ का दन ताणी सदामेस का अन्धेरा मं बांधर रखाण मेल्या छ।