16 क्युं क जद म्हे थान्अ आपणा परबु ईसु मसी की तागत अर आबा को समचार दिया छा, तो यो मनघड़न्त कथा-कहाणी की जस्यान कोन्अ छो, पण म्हे खुद बीकी मेमा न्अ आंख्या देख्या छा।
क्युं क मसी मन्अ बतिस्मो देबा बेई नही पण बना कोई मनखा को ज्ञान मलाया चोखा समचार को परचार करबा बेई खन्दायो छ जिसुं क मसी को सुळी चढ़बो फालतु कोन चलजाव्अ।
मे वां जस्यानका कोन्अ ज्यो खुदका फायदा बेई परमेसर का बचना मं मलावट करअ छ। पण मै तो परमेसर क साम्अ परमेसर का खन्दायेड़ा मनखा की जस्यान मसी म उबा होर सचाई सुं बोला छा।
बणायेड़ा कस्सा अर आग्लाबड़ा की लाम्बी लेण मं लड़ाई-झगड़ा न्अ बढ़ावो देव्अ छ वाप्अ चत मत लगाओ। ये बाता परमेसर की उं जुगत न्अ सिद्ध कोन होबा देव्अ, ज्यो बस बस्वास पई टक मेली छ।
वे लोभ की बाता घड़र थान्अ खुदका फायदा को साधन बणावला, अर जी सजा की आज्ञा बां माळ्अ पेली सुं होगी, बीन्अ आबा मं थोड़ी बी बगत कोन्अ, अर वांको बिनास उंघर्यो कोन।