यो उं आस की बजेसुं होयो छ ज्यो थांक्अ बेई परमेसर का राज मं सुरक्षित छ। अर जिका बारा मं थे पेल्याई सांचा बचन मतबल चोखा समचार सुं सुणमेल्या छो, ज्यो थां कन्अ आयो छो।
अर ज्यो थे भाया न्अ ये बाता याद दुवाता रेवला तो मसी ईसु का चोखा सेवा करबाळा होवला ज्यांको पालण-पोषण, बस्वास सुं अर उं सांची सक्ष्या सुं होव्अ छ जिन्अ तु मानतो आर्यो छ।
केई तरा की अण्जाण सक्ष्या सुं भरमाबा मं आर सांचा गेल्ला सुं मत भटकज्यो। क्युं क थांका मन क ताणी यो चोखो छ क खाबा-पीबा का निमा की बजाय दीया सुं मजबूत होव्अ। क्युं क खाबा-पीबा का निम मानबाळा न्अ बासुं कोई फायदो कोन्अ होयो।
म थान्अ यो छोटोसोक कागद माण्ढर, सिलवानुस का हाथ सुं जीन्अ म बस्वासहाळो भाई समझु छु, छोटा रूप मं माण्ढर थान्अ समझायो छु, अर या गुवाई दियो छु क परमेसर की सांची दीया याई छ, इम्अ बण्यारेवो।