10 ई बजेसुं ह भायाओ, खुदका बलाबा न्अ, अर टाळबा न्अ पाको करबा की पूरी जोरी करता जावो, क्युं क अस्यान करअला तो कद्या बी ठोकर कोन खावला।
“क्युं क बलायेड़ा तो घणा पण थरपेड़ा चन्याक छ।”
क्युं क परमेसर का बरदान अर उंकी बुलाहट कद्या बी कोन बदल्या जा सक्अ।
कांई बी होव्अ परमेसर ज्यो नीव बणायो छ वा मजबुती सुं उबी छ। उंप्अ मण्ढर्यो छ, “परबु खुदका भक्ता न्अ जाण्अ छ।” अर “वो हरेक, ज्यो खेव्अ छ क वो परबु को छ, उन्अ बराई सुं बच्यो रेणी चायजे।”
पण म्हे चावां छा क थाम्अ सुं हरेक आखरी ताणी पुरा मन सुं जोरी करो क थांकी आस पूरी हो जाव्अ।
बा आसा आपणा जीव क ताणी पक्को अर मजबूत सोअरो छ। अर पड़दा क मायन्अ ताणी पूंछ्अ छ।
क्युं क ज्यो कोई सारी बेवस्था न्अ मान्अ छ पण एक'ई बात मं चूकग्यो तो वो सारी बाता मं दोषी ठेरग्यो।
अर परमेसर बाप पेलीसुंई ज्यो बच्यार कर मेल्यो छो उंई ज्ञान सुं थान्अ टाळ्यो छो। अर उंकी पवितर-आत्मा क जरिये पवितर करबा सुं थे ईसु मसी को खियो मानो छो अर उंका लोई सुं सुद्ध करबा बेई टाळेड़ा छो। थान्अ परमेसर की खूब दीया अर सान्ति मलती रेव्अ।
थांकी सम्भाळ परमेसर का जोरसुं बस्वास क जरीये बी उद्धार क ताणी, ज्यो अन्त बगत मं चोड़्अ आबाळो छ, करी जाव्अ छ।
क्युं क परमेसर की तागत सब कुछ ज्यो जन्दगी अर भगती सुं नातो राख्अ छ, आपान्अ बीकी पेचाण सुं दियेड़ी छ। ज्यो आपान्अ खुदकी मेमा अर सदगुणा की जस्यान बलायो छ।
ई बजेसुं थे खुब मेनत करर जोरी करो क थे थांका बस्वास न्अ बढ़ा सको, बस्वास सुं सद्गुणा न्अ, सद्गुणा सुं समझ न्अ,
अस्यान, हे प्यारा भायलाओ, जद थे यां बाता की आस राखर बाठ नाळर्या छो, तो कोसिस करो क बीक्अ साम्अ सान्ति सुं, बना खोट अर बना लाछण लाग्या रेवो।
अस्यान ह प्यारा भायलाओ, थे यां बाता न्अ पेलीसुंई जाणर साउचेत रेवो, जिसुं अधर्मया की गलत्या मं फसर खुदकी बणेड़ी ठार सुं हाथ कोन धो बेठो।
अब ज्यो थान्अ ठोकर खाबा सुं बचा सक्अ छ अर खुदकी महमा की उळ्ळाई क साम्अ मगन अर नरदोष करर उबा कर सक्अ छ।
“धनै छ वे ज्यो खुदका लत्ता धो लेव्अ छ। जिसुं वान्अ जन्दगी का रूंखड़ा का फळ खाबा को अधिकार होव्अलो। अर वे बाण्णा मं होर नगर मं उळबा का अधिकारी होव्अला।