वे वाक्अ हाथा यो कागद खन्दाया; “थांका भाई, बढ़ा-बुढ़ा अर थरपेड़ा की ओड़ी सुं अन्ताकिया, सीरिया अर किलिकिया का सबळा गेर यहूदी बस्वासी भाया न्अ नमस्कार पूंच्अ। प्यारा भाईवो;
पण म्हारो अस्यान मांडबा को यो मतबल छ क थे अस्यान का मनखा सुं नातो मत रांखज्यो ज्यो दखावा का बस्वासी छ पण वे कुकर्मी, लालची, मूर्ति पुजबाळा, गाळबको करबाळा, नसेड़ी अर ठग छ अस्यान का मनखा की लार उठ बेठ मत रांखज्यो।
जिसुं जद्या म आंउलो तो बताऊलो क वो कांई करर्यो छ। वो झूंट्याई म्हारअ उपरअ दोष लगाव्अ छ अर वा बाता सुंई वो राजी कोन्अ। अर वो आपणा भाया को आदरमान कोन्अ करअ पण ज्यो अस्यान करबो छाव्अ छ वान्अ बी रोक्अ छ अर वान्अ बस्वास्या की टोळी सुं नखाळ देव्अ छ।