3 आपणो योई बस्वास छ क आपा उन्अ पेरअला अर फेर कद्या बी उघाड़ा कोन होव्अला।
ई काया म आपा नसास भरता रेवा छा। अर घणा चावां क सरग की काया न्अ पेरल्या।
आपा ई काया मं रेताहोया बोझ क तळ्अ दब'र कराता रेवा छा, ईकी बजे या छ क आपा ई काया न्अ बदलबो ई कोन चावां पण ई काया मं सरग की जन्दगी जीबो चावां छा। जिसुं मरबाळी काया सदामेस की काया होजाव्अ।
“देखो! म छान्असीक आर्यो छु। वो धनै छ ज्यो जागतो रेव्अलो अर खुदका लत्ता की रुखाळी करअलो क बीन्अ नागो होर सरमिन्दा कोन होणो पड़अ।”
म तन्अ सलाह देऊ छु क, तु म्हारसुं आग मं ताएड़ो सोनो मोल ले ले, जिसुं क तु सांचाई भागवान हो जाव्अ। पेरबा क ताणी धोळा लत्ता मोल ले ले, जिसुं क थारो नगोपणो ढक जाव्अ। अर थारी आंख्या मं लगाबा क ताणी सुरमो ले ले क तन्अ दिखबा लागजाव्अ।