8 आपा बार-बार कळेस मं पड़ा छा, पण नास कोन होवां, आपा बार-बार दुख म पड़ा छा पण आस कोन छोड़ा।
अस्यान'ई मसी की ओड़ी सुं म कमजोर होर, बेज्जत होर, दुख मं, सताव मं, परेसानी मं, राजी छु। क्युं क जद्या म कमजोर होऊं छु जद्याई तो तागतबर होऊं छु।
अर जद्या मै मकिदुनिया मं आया छा जद्या बी म्हाकी काया न्अ आराम कोन मल्यो, पण म्हाकी काया तो बारअ का लड़ाई झगड़ा सुं अर मन मं ड़र की बजेसुं केई तरा सुं दुख भोगणो पड़यो।
“म थान्अ ऐकलो कोन्अ छोड़ुलो। म थां कन्अ पाछो आंउलो।
अर थे कद्या बी अस्यान कोन परख्या गिया। ज्यो मनखा क सेबा सुं बारअ हो। अर परमेसर बस्वासहाळो छ वो थान्अ थारी सक्ति सुं साऊटो परखबा कोन देव्अ, पण जद्या थे परख्या जावो छो तो वो परखबा की लार-लार थान्अ बचाबा बेई उपाय बी सुझाव्अ छ।
पण म हरेक बाता मं परमेसर का दासा की जस्यान थरचा सुं ज्यो कळेस, दुख, मुसिबत सेन करां छा।
म्हाको परेम थां बेई कम कोन होयो। पण थेई म्हासुं परेम करबो छोड़ दिया।
म अबार थां कन्अ आबो अर न्याराई तरीका सुं बतळाबो चाऊ छु, क्युं क म्हारअ समझ मं कोन आर्यो क म थां बेई कांई करू।