परमेसर की उं दीया सुं ज्यो मन्अ मलेड़ी छ, मं एक चोखा मस्तरी की जस्यान नीमा भर्यो छु। पण बिप्अ चुणबा को काम तो कोई ओर'ई करअ छ पण हरेक न्अ सावचेत होर ध्यान राखणी चायजे क वो बिप्अ चुणाई कस्यान करर्यो छ।
अर जण्ढ्अ ताणी म्हारी बात छ, म्हारअ कन्अ ज्यो कांई बी छ, उन्अ थारबेई राजी होर खरच करूलो अण्डअ ताणी क म खुदन्अ बी थांक्अ बेई देद्युलो। अर जद्या म थां सुं अतरो परेम करू छु तो थे कस्यान मंसुं कम परेम कर सको छो?
थां सबळा का बारा मं म्हारो अस्यानको बच्यार सई छ क्युं क थे सबळा म्हारा मन मं बस मेल्या छो। अर जद म सांकळा सुं बन्धेड़ो छु या फेर चोखा समचार न्अ साबित अर पक्को करबा मं लागर्यो छु, थे म्हारी लार परमेसर की दियेड़ी सेवा मं सीरी छो।
क्युं क थाम्अ सुं परबु का संदेस की ज्यो आवाज उठी छ, वा मकिदुनिया अर अखाया नगर मेई कोन सुणी गई पण परमेसर मं थांको बस्वास हर कढी जाण्यो जाबा लागग्यो। तो अब मान्अ कांई बी खेबा की जुरत कोन्अ।