6 सान्ति की साथ परमेसर की सेवा-भगती मं राजी रेबाळोई भागवान छ।
तो ईसु बीन्अ खियो, “सावधानी सुं सबळा लालच का कामा सुं बच्या रेवो। क्युं क जुरत सुं सावटा धन मं बी मनख को जीबो कोन्अ।”
थोड़ासाक सपाई उन्अ बुज्या, “अर मान्अ कांई करणी चायजे?” तो वो वान्अ बतायो, “जोरीसुं कोई सुं धन मतल्यो। कोई प बी झूंटो दोष मत लगावो। खुदकी मजुरी म सबर रखाणो।”
अर आपा जाणा छा क ज्यो लोग परमेसर सुं परेम रखाण्अ छ वां बेई सबळी बाता मलर भलाई पैदा करअ छ। मतबल वां बेई ज्यो बीकी मन्सा सुं बलाया गिया छ।
अर यो थोड़ाघणा दना को कळेस आपण्अ बेई जुग-जुग की मेमा लेर आवलो। ज्यो ई दुख सुं घणी बड़ी।
म्हारअ ताणी जीबा को मतबल मसी छ, अर मरबो नफा की बात छ।
क्युं क काया का बाथेड़ा सुं तो थोड़ोई फायदो होव्अ छ पण परमेसर की सेवा सब तरा सुं फायदा की छ। क्युं क इम्अ अबार की जन्दगी अर आबाळी जन्दगी मं आसिस मलबा को वादो मल मेल्यो छ।
तो फेर ज्यो आपण्अ कन्अ रोटी अर लत्ता छ तो आपा उम्अ'ई राजी छा।
थांकी जन्दगी न्अ धन का लोभ सुं बचार राखो। अर ज्यो थां कन्अ छ बीम्अ'ई सबर रांखो। क्युं क परमेसर खुद खियो छ क, “म तन्अ कद्या बी कोन छोड़ुलो अर कद्या बी कोन त्यागूलो।”