5 वां मनखा क गाब्अ ज्यांकी बुद्धि बगड़गी, लगतमार बण्या रेबा जस्यानका बिचार पैदा होव्अ छ, वे सांच सुं न्यारा छ। अस्यान का मनखा का बच्यार छ क परमेसर की सेवा धन कमाबा को एक साधन छ।
“अरअ कपटी धरम सखाबाळाओ अर फरीसीओ! थान्अ धिक्कार छ। थे मनखा बेई सरग का राज का गेल्ला न्अ बन्ध करो छो। न्अ तो थे खुद उम्अ जावो अर न्अ दूसरा ज्यो उम्अ जाबा बेई जोरी करर्या छ वान्अ जाबाद्यो।”
क्युं क काया का बाथेड़ा सुं तो थोड़ोई फायदो होव्अ छ पण परमेसर की सेवा सब तरा सुं फायदा की छ। क्युं क इम्अ अबार की जन्दगी अर आबाळी जन्दगी मं आसिस मलबा को वादो मल मेल्यो छ।
ये सखाबाळा यन्नेस अर यम्ब्रेस जस्यानका छ, ज्यो मूसा को बिरोध कर्या छा, वस्यान ई ये मनख सांच का बिरोधी छ। या मनखा की बुद्धि भ्रष्ट छ अर ये बस्वास क पाछ्अ कोन चाल सक्या।
वांको तो मुण्डो बन्द कर्यो जाणोई चायजे। क्युं क वे ज्यो बाता सखाबा की कोन्अ वान्अ ई सखार घरका घर उजाड़र्या छ। बराई का गेल्ला सुं धन कमाबा बेई वे अस्यान करअ छ।
वे लोभ की बाता घड़र थान्अ खुदका फायदा को साधन बणावला, अर जी सजा की आज्ञा बां माळ्अ पेली सुं होगी, बीन्अ आबा मं थोड़ी बी बगत कोन्अ, अर वांको बिनास उंघर्यो कोन।
वां लोगबागा बेई यो घणु बरो क वे कैन की जस्यान को गेल्लो पकड़या छ। धन कमाबा बेई वे खुदन्अ वस्यान ई गलती का हाथा मं सुंप दिया जस्यान बिलाम कर्यो छो। जिसुं वेई नास हो जाव्अला जस्यान परमेसर का बिरोध मं होबाळो कोरह अर उंकी लार लागबाळा न्अ नास कर दिया छा।