9 उं सायता की सुची मं वां रांडबेरा को नांऊ माण्ढ्यो जाव्अ ज्यो कम सुं कम साठ बरस की होगी अर ज्यो एक लोग की लुगाई रेई होव्अ।
बस्वास्या की टोळी की सेवा करबाळा क एक'ई लुगाई होणी चायजे अर वो खुदका छोरा-छोर्या को अर खुदका घरको चोखो प्रबन्ध करबाळो होणो चायजे।
अब देखो बस्वास्या की टोळी का मुखिया न्अ एक अस्यान की जन्दगी जीणी चायजे क लोगबाग उंकी बराई कोन कर सक्अ। उंक्अ एक'ई लुगाई होणी चायजे। उन्अ ठण्डा सुभाऊ हाळो, आत्मा मं सबरहाळो, समझदार अर पावणा की आवभगत करबाळो अर दूसरा न्अ चोखो सखाबाळो होणी चायजे।
पण जुवान रांडबेरा को नांऊ इम्अ मत माण्ढज्यो क्युं क मसी बेई वांका समर्पण प जद्या वांकी काया की मन्सा जोरा हो जाव्अ छ तो वे फेरू बियाऊ करबो छाव्अ छ।
जिसुं म चाऊ छु क वे जुवान बिधवा बियाऊ करले अर छोरा-छोर्या न्अ पाळता होया खुदका घर की सार सम्भाळ करअ जिसुं आपणा बेरया न्अ आपण्अ उपरअ दोष लगाबा को मोको कोन मल्अ।
अर ज्यो कोई बस्वासी बेरबानी का घर मं बिधवा बेरबानी छ तो उन्अ उंकी सायता खुद करणी चायजे अर बस्वास्या की टोळी प कोई बोझ कोन पटकणी चायजे जिसुं बस्वास्या की टोळी वा बिधवा बेरबान्या की सायता कर सक्अ ज्यांको कोई कोन्अ।