22 बना बच्यारया कोई न्अ बी बस्वास्या की टोळी को मुखियो बणाबा बेई उत्यावळ मं आसीर्वाद देबा बेई हाथ मत मेलज्यो। कोई का पापा मं पांतिदार मत बणज्यो। खुदन्अ सदाई पवितर रखाणज्यो।
“फेर म आम्बर मं सुं एक ओर आवाज न्अ या खेती सुण्यो, “हे म्हारा लोगबागाओ थे उण्डअ सुं बारअ नखळो, जिसुं थे बीका पापा मं सीरी कोन बणो; अर थे बीकी सजा मं भेळ्अ मत होवो,