बतावो ज्यो दुख परमेसर थान्अ दियो छ उंकी बजेसुं थाम्अ कतरो उछ्याव छ, खुदका भोळापणा की सम्भाळ करबा को, दूसरा बेई कळसबा को, अर जिसुं थे बात का खरा, म्हासुं मलबा की मन्सा राखबाळा, हिम्मत राखबाळा अर पापी को न्याऊ करबाळा होग्या। थे अस्यान करर सबळी बाता म या दखा दिया, क थे कतरा नरदोष छो।