2 बुढ़ी लुगाया न्अ माई जस्यान समझज्यो अर जुवान छोर्या न्अ खुदकी बेणा समझर पूरी पवितरता की लारा बेवार करज्यो।
हां सरग मं बेठ्या म्हारा बाप की मरजी प ज्यो चाल्अ छ वेई म्हारा बेण, भाई अर माई छ।”
आखरी मं ओ भायाओ, ज्यो-ज्यो बाता सांची, आदर करबा जसी, सई, पवितर, सुआवणी, अर ज्यो-ज्यो सद गुण, सबसुं चोखी अर बढ़ाई की बात छ बाक्अ माळ्अ ध्यान द्यो।
अर सब तरा की बराई सुं बच्या रेवो।
तु हालताणी जुवान ई छ जिसुं कोई थन्अ तुच्छ कोन समझ्अ। पण तु खुदकी बात-बतळ्यावण, चाल-चलण, परेम, बस्वास अर पवितरता मं बस्वास्या बेई एक उदारण बणजा।
कोई बुढ़ा आदमी न्अ मत दकालज्यो, पण उन्अ बाप क जस्यान को जाणर नरमाई सुं समझा दिज्यो। खुदसुं छोटा की लारां भाया जस्यान को बुवार करज्यो।
वां बिधवा बेरबान्या को आदर करो ज्यो बना सायरा की छ।
तु जुवानी की बरी मन्सा सुं आंतरअ रे। ज्यो सुद्ध मन सुं परबु को नांऊ लेता रेव्अ छ, धार्मिक जन्दगी, बस्वास, परेम अर सांति बेई वां सबळा की लारा रेबा की जोरी करतो रे।