11 पण जुवान रांडबेरा को नांऊ इम्अ मत माण्ढज्यो क्युं क मसी बेई वांका समर्पण प जद्या वांकी काया की मन्सा जोरा हो जाव्अ छ तो वे फेरू बियाऊ करबो छाव्अ छ।
वे बियाऊ बेई नट्अला। एकात चीजा खाबा बेई नट्अला ज्यांन्अ परमेसर का बस्वासी अर सांच न्अ पेचाणबाळा धन्यवाद देर खाबा बेई बणाया छ।
वे दोषी होव्अ छ क्युं क वे खुदका पहला बस्वास न्अ छोड़दी।
जिसुं म चाऊ छु क वे जुवान बिधवा बियाऊ करले अर छोरा-छोर्या न्अ पाळता होया खुदका घर की सार सम्भाळ करअ जिसुं आपणा बेरया न्अ आपण्अ उपरअ दोष लगाबा को मोको कोन मल्अ।
उं सायता की सुची मं वां रांडबेरा को नांऊ माण्ढ्यो जाव्अ ज्यो कम सुं कम साठ बरस की होगी अर ज्यो एक लोग की लुगाई रेई होव्अ।
थे धरती प भोग-बिलास करता रिया, अर खूब मोज कर्या छ, नासका दन बेई थे खुदन्अ पाळ-पोसर मोटो-ताजो कर लिया।
ये बनाकाम की घमण्ड की बाता कर-करर गंदा कामा सुं बां मनखा न्अ काया की बुरी लाळसा मं फसा लेव्अ छ, ज्यो डुलेड़ा मं सुं अबार नखळर्या छ।
क्युं क बा सबळा लोगबागा न्अ व्यभिचार की दारू पाई छी। ई संसार का राजा बीकी लार व्यभिचार कर्या छा। अर बीका भोग-बिलास सुंई संसार का बौपारी भागवान होया छ।”
जतरी महमा अर आराम बा खुदन्अ दी छ, थे बीन्अ बत्तीई पीड़ा अर दुख द्यो। बा अपणा-आपन्अ खेव्अ छ क ‘म महाराणी छु, म बिधवा कोन्अ, फेर दुख क्युं मनाऊ?’
“जद धरती का राजा, ज्यो बीकी लार व्यभिचार कर्या छा अर बीकी लार भोग-बिलास मं सीरी होया छा, बीकी लाय का धुंआ न्अ देख्अला तो वे बीक्अ ताणी रोव्अला अर बळ्ळाव्अला।