पण ज्यो ज्ञान सरग सुं आव्अ छ, वो पेली तो पवितर होव्अ छ, फेर मेलमिलाप हाळो, प्यारो, बात मानबाळो अर दीया सुं भरया अर चोखा फळा सुं लदेड़ो अर बना भेदभाव हाळो अर खरो होव्अ छ।
म बस्वास्या की टोळी को मुखियो यूहन्ना उं बेरबानी क नांऊ ज्यो परमेसर सुं चुणी गेई छ अर उंका बाळका क नांऊ ज्यांन्अ म सांच्याई परेम करू छु यो कागद माण्ढ़र्यो छु। म ऐकलो नही पण वे सबळा थान्अ परेम करअ छ ज्यो सांच न्अ जाण्या छ।