म थान्अ सांची बताऊ छु, ज्यो म्हारा बचन न्अ सुणर उंप्अ बस्वास करअ छ ज्यो मन्अ खन्दायो छ, वो सदामेस की जन्दगी पाव्अ छ। न्याऊ की सजा उंप्अ कोन्अ पड़्अली। पण वो मोत न्अ पार कर जन्दगी मं चलजाव्अ छ।
अर आज म ज्योबी छु परमेसर की दीया सुं छु अर उंकी दीया म्हारअ बेई बेकार कोन गई, म दूसरा थरपेड़ा चेला सुं बढ़र मेहनत कर्यो छु। पण या म्हारी काबलियत कोन या तो परबु की दीया छ।
अर ज्यो मन्अ आबा मं बार लागजाव्अ तो ई कागद सुं थान्अ याद रेव्अ क परमेसर का परवार मं, ज्यो जीवता परमेसर का बस्वास्या की टोळी अर सांच की निम अर खम्बो छ। उंकी लार थान्अ कस्यान को बुवार रखाणणी चायजे।