आपा मूरत्या क आग्अ चढ़ाया प्रसाद का बारा मं जाणा छा “क्युं क आपा सबळा ज्ञानी छा।” अर ज्ञान मनखा न्अ घमण्ड सुं भर देव्अ छ। पण परेम सुं सबळा को फायदो होव्अ छ।
म घणी अदभुत बाता देखबा की बजेसुं घमण्ड कोन करू ई बजेसुं म्हारी काया म एक जोरदार दुख दियो गियो छ ज्यो सेतान का एक दूत की जस्यान मन्अ मारबा को काम करअ छ अर मन्अ खुद प घमण्ड करबा सुं बचाव्अ छ।
तो वो अंहकार सुं फुलर्यो छ अर कांई बी कोन जाण्अ। वो तो बरा सुवाल-जुवाब करबा अर सब्दा न्अ लेर लड़बा की बिमारी सुं बिमार छ। यां बाता सुं तो बळ्यामरबो, बेर, बराई का बच्यार अर गाळबको होव्अ छ।
अस्यान ही ह छोरा-छापराओ, थे बी टोळी का मुखिया का खिया मं रेवो, पण थे सब एक-दूसरा की सेवा क ताणी नरमाई सुं त्यार रेवो, क्युं क परमेसर घमण्डया को बिरोध करअ छ, पण सिधा मनखा माळ्अ दीया करअ छ।
म थान्अ या बी याद दुवाबो चाऊ छु क ज्यो दूत खुदका ओहदा न्अ कोन्अ सम्भाळ सक्या, पण परमेसर का घर न्अ छोड़र भागग्या। आग की भट्टी मं न्याऊ होबा बेई, वान्अ न्याऊ का दन ताणी सदामेस का अन्धेरा मं बांधर रखाण मेल्या छ।