खुदकी अर पवितर-आत्मा सुं थांका हाथा म सुंपी लळ्डया की रुखाळी करता रेवो। अर परमेसर की बी बस्वास्या की टोळी का गुवाळ बण जावो जिन्अ वो खुदका छोरा का लोई सुं मोल लियो छ।
अर ज्यो मन्अ आबा मं बार लागजाव्अ तो ई कागद सुं थान्अ याद रेव्अ क परमेसर का परवार मं, ज्यो जीवता परमेसर का बस्वास्या की टोळी अर सांच की निम अर खम्बो छ। उंकी लार थान्अ कस्यान को बुवार रखाणणी चायजे।