4 बणायेड़ा कस्सा अर आग्लाबड़ा की लाम्बी लेण मं लड़ाई-झगड़ा न्अ बढ़ावो देव्अ छ वाप्अ चत मत लगाओ। ये बाता परमेसर की उं जुगत न्अ सिद्ध कोन होबा देव्अ, ज्यो बस बस्वास पई टक मेली छ।
तु जुवानी की बरी मन्सा सुं आंतरअ रे। ज्यो सुद्ध मन सुं परबु को नांऊ लेता रेव्अ छ, धार्मिक जन्दगी, बस्वास, परेम अर सांति बेई वां सबळा की लारा रेबा की जोरी करतो रे।
भाया तीतुस! म ईसु मसी की ओड़ी सुं थरपेड़ो परमेसर को दास पौलुस थन्अ यो कागद माण्ढ़र्यो छु। म परमेसर का टाळेड़ा मनखा न्अ वांका बस्वास मं बड़ाबा बेई, अर सांच की सक्ष्या देबा बेई खन्दायो गियो छु, जिसुं वे भगती की जन्दगी मं जीव्अ।
केई तरा की अण्जाण सक्ष्या सुं भरमाबा मं आर सांचा गेल्ला सुं मत भटकज्यो। क्युं क थांका मन क ताणी यो चोखो छ क खाबा-पीबा का निमा की बजाय दीया सुं मजबूत होव्अ। क्युं क खाबा-पीबा का निम मानबाळा न्अ बासुं कोई फायदो कोन्अ होयो।
क्युं क जद म्हे थान्अ आपणा परबु ईसु मसी की तागत अर आबा को समचार दिया छा, तो यो मनघड़न्त कथा-कहाणी की जस्यान कोन्अ छो, पण म्हे खुद बीकी मेमा न्अ आंख्या देख्या छा।