11 वा सांची सिक्षा परमेसर का महमाळा चोखा समचार बेई चोखी छ, ज्यो मन्अ सुंपी गई छ।
“सरग म परमेसर की जै हो अर धरती प वा मनखा न्अ सांति मल्अ ज्यांसुं वो राजी छ।”
ये बाता उं चोखा समचार की जस्यान जिको मं उपदेस देऊ छु उं दन होव्अली जद्या परमेसर मनखा की लुखी बाता को मसी ईसु क जरीये न्याऊ करअलो।
अर ज्यो यो काम मं म्हारी मरजी सुं करू तो म ईको फळ पाबा जस्यो छु। पण ई काम न्अ मं फरज मानर करू छु क्युं क परमेसर मन्अ ई काम बेई मुनीम बणायो छ।
अर ई जगत मं राज करबाळो सेतान वां मनखा की बुद्धि न्अ ज्यो बस्वास कोन करअ बांध मेल्यो छ। जिसुं वे मसी ज्यो परमेसर को रूप छ उंकी महमा सुं भर्या उजाळा का चोखा समचार न्अ कोन समझ्अ।
क्युं क वो परमेसर'ई छ ज्यो खियो क अंधेरा म उजाळो होव्अ छ अर वोई आपणा मन म होयो छ, जिसुं म्हान्अ ईसु मसी म परमेसर की मेमा का ज्ञान को उजाळो मल सक्अ।
अर परमेसर जस्यान पतरस न्अ यहूदया न्अ चोखो समचार सुणाबा को काम सुप्यो छ। वस्यानई परमेसर मन्अ गेर यहूदया न्अ चोखा समचार न्अ सुणाबा को खास काम सुप्यो छ।
जिसुं म्हे ज्यो पेली मसी प आस रखाण मेल्या छा, बीकी महमा की बढाई करर्या छा।
बीकी महमा सुं भरेड़ी दीया की बढ़ाई होव्अ। जिन्अ बीका लाड़ला सुं गठजोड़ कर दियो छ।
जिसुं वो आबाळा हरेक जुग मं खुदकी दीया का अपरम्पार धन न्अ दखाव्अ जिन्अ वो मसी ईसु का गठजोड़ सुं आपण्अ माळ्अ दीया सुं दखायो छ।
जिसुं अब बस्वास्या की टोळी सुं परमेसर को सबळी समझ, उपरली भाळ का राजा अर अधिकारयां प खुलासो कर्यो जाव्अ।
परमेसर मन्अ बस्वास्या की टोळी को सेवक जिसुं बणायो छ क म थांका भला बेई परमेसर का बचन न्अ पूरो-पूरो परचार करू।
क्युं क परमेसर म्हान्अ ई लायक समझ्यो अर चोखो समचार सुणाबा को काम सुप्यो छ। वस्यान म्हे मनखा न्अ राजी करबा की जोरी कोन करां पण म्हे तो उं परमेसर न्अ राजी करां छा ज्यो आपणा मना न्अ परखअ छ।
म सांच खेऊ छु झूंट कोन बोलु, क म उं मकसद सुं एक परचार करबाळो अर थरपेड़ो अर गेर यहूद्या बेई बस्वास अर सांच का परबचन देबाळो बणायो गियो छु।
जिन्अ वो परम धनै, एक छतर, राजा को राजो अर सम्राटा को परबु एकधम चोखी बगत आया सुं प्रगट कर देव्अलो।
ह तीमुथियुस, थन्अ परमेसर ज्यो सुप्यो छ, उंकी रुखाळी करज्यो। संसार की बनाकाम की बाता सुं बच्यो रिज्यो। अर ज्यो “झूंटा ज्ञान” सुं जुड़ी फालतु को बिरोधी बस्वास छ वांसु आंतरअ रे।
ई चोखा समचार न्अ फेलाबा बेई मन्अ एक परचार करबाळो खास थरपेड़ो अर सखाबाळा की न्याऊ बणाया छ।
आपण्अ माईन्अ रेबाळी पवितर-आत्मा सुं तु उं अनमोल धरा की रुखाळी कर जिन्अ थन्अ सुंप्यो गियो छ।
घणासारा मनखा की मेजुदगी मं तु ज्योबी बाता मंसुं सुण्यो छ, उन्अ यां बस्वास करबाळा मनखा न्अ सुंपद ज्यो दूसरा न्अ सक्ष्या देबा क काबिल छ।
अर सई बगत प परमेसर ई समचार न्अ उपदेसा सुं प्रगट कर्यो। वोई समचार मन्अ सुप्यो गियो छ। अर आपान्अ बचाबाळा परमेसर की आज्ञा सुं म ईको परचार करू छु।