5 क्युं क थे सबळा तो उजाळा का छोरा छो अर दन की ओलाद छो। आपान्अ तो रात सुं जुड़ मेल्या छा अर न्अ अन्धेरा सुं।
जद्या बीको मालिक बी बेईमान मुनीम की बढाई कर्यो क्युं क वो चालाकी सुं काम कर्यो छो। संसार का मनख खुदक्अ जस्यानका मनखा सुं बुवार करबा मं उजाळा का परमेसर का मनखा सुं सावटा चालाक हेव छ।
जद ताणी उजाळो थांकी लार छ उजाळा माळ्अ बस्वास करो क थे उजाळा की ओलाद बण सको।” या खेर ईसु उण्डअ सुं चलग्यो अर खुदन्अ वांसुं छुपा लियो।
एक बगत थे अन्धेरा छा पण अब परबु का गठजोड़ सुं उजाळा छो। जिसुं उजाळा का मनखा की जस्यान जीओ।
पण आपा तो दन सुं जुड़या छा जिसुं आपान्अ खुद प काबु रखाणणी चायजे। आवो बस्वास अर परेम को कवच पेरल्यां अर उद्धार पाबा की आस न्अ टोपा की न्याऊ फेरर सावचेत हो जांवा।
म थान्अ एक ओर नयो आदेस मांडु छु। ईकी सच्चाई मसी की जन्दगी मं अर थांकी जन्दगी मं परकट हुई छ। क्युं क अंधेरो छटग्यो अर परबु को सांचो उजाळो चमकबो सरू होयो छ।